Rashtriya Gokul Mission | राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना 2022-23 | Rashtriya Gokul Mission Online Registration | राष्ट्रीय गोकुल मिशन एप्लीकेशन फॉर्म | राष्ट्रीय गोकुल मिशन पंजीकरण प्रक्रिया
दोस्तो केंद्र सरकार द्वारा स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास के लिए सन् 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक तरीकों से प्रोत्साहित किया जाता है। इस मिशन के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रो में पशु केंद्र बनाए जाते हैं जिन्हें गोकुल ग्राम कहा जाता है। देश की मीडिया से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक सन् 2014 से लेकर सन् 2020 तक केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के संचालन पर 1842.76 करोड़ रुपए का खर्च किए जा चुके हैं। यह योजना देश में चर्चित योजनाओं में से एक है। इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख के ज़रिये से राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारिय प्रदान करना करने जा रहे हैं। अगर आप भी Rashtriya Gokul Mission का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारा यह लेख आपको इस मिशन का लाभ उठाते वक्त बहुत ही लाभकारी साबित होगा। इसलिए आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है?
इस मिशन को मोदी सरकार के कृषि मंत्री राधामोहन सिंह जी के द्वारा स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना को पूरे भारत देश में शुरू किया गया है। केंद्र सरकार ने सन् 2014 में इस योजना का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए 2025 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इसके बाद सन् 2019 में इस योजना के तहत बजट को 750 करोड़ रुपए से बढ़ा दिया गया था। देश में इस मिशन के तहत स्वदेशी दुधारू पशुओं की अनुवांशिकता रचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिससे दुधारू पशुओं की संख्या और दूध उत्पादन मे बढ़ोतरी हो सके। मोदी सरकार के इस निर्णय से देश के पशुपालक किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। जिससे देश में अन्य व्यक्ति भी पशुपालन व्यवसाय की ओर आकर्षित होंगे। Rashtriya Gokul Mission 2022 के तहत किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से वृद्धि करने की विषय में जानकारी प्रदान की जाएगी। ताकि पशु पालक किसान सही तरीके से स्वदेशी गायों के स्वास्थ्य का ध्यान रखकर उन की नस्ल एवं दुग्ध उत्पादन दर में विकास कर सके।
Rashtriya Gokul Mission का उद्देश्य किया है
Rashtriya Gokul Mission को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश में स्वदेशी गायों की नस्ल एवं गुणवत्ता में सुधार करना है। क्योंकि हमारे देश में गोवंश पशुओं की नस्ल एवं गुणवत्ता में सुधार करने की बहुत ही ज़रूरत थी। जिसके लिए सन् 2014 में मोदी सरकार ने Rashtriya Gokul Mission के ज़रिये से एक कदम आगे बढ़ाया है। इस मिशन के तहत देश में अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिससे गौवंश दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि हो सके। इस मिशन के द्वारा लाल सिंध, गिर, थारपरकर एवं सहीवाल जैसी उच्च कोटि की स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके अन्य नस्लों की गायों का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही पशुपालक के दुधारू पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा भी उनके घर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के द्वारा गौवंश पशुओं की नस्ल में सुधार के साथ-साथ पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी होगी। जिससे पशुपालकों की जीवनशैली एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
मत्स्यपालन,पशुपालन और डेयरी के रूप में नए मंत्रालय के अधीन देसी नस्लों के विकास हेतु 'राष्ट्रीय गोकुल मिशन' के अंतर्गत गोपशुओं के संरक्षण, संवर्धन तथा किसान भाइयों के आर्थिक हितों को देखते हुए दूध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस योजना को और मजबूती के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है. pic.twitter.com/0WMgBnv1FN
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 30, 2019
Rashtriya Gokul Mission key Highlights
योजना का नाम | राष्ट्रीय गोकुल मिशन |
शुरू की गई | मोदी सरकार द्वारा |
लाभार्थी | गौपालक |
उद्देश्य | स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक तरीकों से प्रोत्साहित करना। |
वर्ष | 2022 |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन एवं ऑफलाइन |
ऑफिसियल वेबसाइट | यहाँ क्लिक करे |
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पुरस्कार से सम्मानित करने का भी प्रावधान किया गया है
- इस योजना के तहत पुरस्कार से सम्मानित करने का प्रावधान भी रखा गया है।
- जिससे देश के किसान पशुपालन की ओर आकर्षित हो सकें।
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
- पहला और दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले नागरिकों को गोपाल रतन पुरस्कार एवं तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले नागरिकों को कामधेनु पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
- देश के स्वदेशी नस्लों के गौजातीय पशुओं का अच्छे तरीके से संरक्षण करने वाले पशुपालकों को गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
- गौशालाओं एवं सर्वोत्तम प्रबंधित ब्रीड सोसाइटी को कामधेनु पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
- अब तक इस योजना के तहत 22 गोपाल रत्न एवं 21 कामधेनु पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गोकुल ग्राम
- देश में इस मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पशु केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
- इन पशु केंद्रों को गोकुल ग्राम कहा जाता है।
- इन गोकुल ग्राम में लगभग 1000 से भी ज़्यादा पशुओं को रखने की व्यवस्था की जाती है।
- गोकुल ग्राम मे पशुओं को पौष्टिक आहार प्रदान के लिए गुणवत्तापूर्ण चारे की व्यवस्था की जाती है।
- एक पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान सेंटर की व्यवस्था सभी गोकुल ग्राम में की जाती है।
- दुधारू पशुओं से दूध की प्राप्ति की जाती है एवं गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाता है।
- केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की धनराशि
केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की धनराशि
- साल 2014 में इस योजना का सुचारू रूप से शुरू करने के लिए 2025 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
- साल 2020 तक 1842.76 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
- यह योजना भारत देश के सभी राज्यों में संचालित की जा रही है।
- देश की मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सन् 2014 से लेकर सन् 2020 तक इस योजना के संचालन पर केंद्र सरकार ने 1842.76 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लाभ एवं विशेषताएं
- मोदी सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह जी के द्वारा 28 जुलाई सन् 2014 को राष्ट्रीय गोकुल मिशन को शुरू किया गया है।
- इस मिशन के द्वारा स्वदेशी गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक तरीकों से प्रोत्साहित किया जाता है।
- Rashtriya Gokul Mission को पूरे भारत देश में लागू किया गया है।
- इस योजना का सुचारू रूप से कार्यान्वयन करने के लिए केंद्र सरकार ने सन् 2014 में ₹2025 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था।
- इसके बाद सन् 2019 में इस योजना के बजट को 750 करोड़ रूपए से बढ़ा दिया गया था।
- देश में इस मिशन के तहत स्वदेशी दुधारू पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
- इसके साथ ही इस मिशन के तहत गौवंश दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के प्रयास किए जाते हैं।
- पशुपालकों की आय में भी इस योजना के द्वारा बढ़ोतरी हुई है। जिसके परिणाम स्वरुप अन्य व्यक्ति भी पशु पालन करने के लिए आकर्षित हुए हैं।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत केंद्र सरकार ने पुरस्कार से सम्मानित करने का भी प्रावधान रखा है। ताकि अधिक से अधिक लोग गौवंश नस्ल के पशुओं का अच्छे तरीके से संरक्षण एवं पालन पोषण कर सके।
- इसके साथ ही इस मिशन के तहत गौवंश दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के प्रयास किए जाते हैं।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत योग्यता
- आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक की होनी नहीं चाहिए।
- छोटे किसान एवं पशुपालक ही इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।
- इस योजना का लाभ सरकारी पेंशन प्राप्त करने वाले पशुपालकों एवं किसानों को प्रदान नहीं किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत आवेदन कैसे करें?
- आवेदक को सबसे पहले पशुपालन और डेयरी विभाग पर जाना है।
- इसके बाद आपको वहां से आवेदन पत्र प्राप्त करना है।
- इस आवेदन पत्र में मालूम की गई सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे- आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज कर देना है।
- अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आवेदन पत्र से अटैच करना है।
- इसके बाद आपको इस आवेदन पत्र को पशुपालन एवं डेयरी विभाग में जमा कर देना है।
- इस तरह से आप राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।