MP Madrasa Mid Day Meal Yojana | मिड डे मील योजना एमपी 2021 | Madrasa Mid Day Meal Yojana | MP Madrasa Mid Day Meal Scheme
मध्य प्रदेश की सरकार के द्वारा शुरु की गयी MP Madrasa Mid Day Meal Yojana के बारे पूरी जानकारी आपको प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता वाली हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश सरकार मिड डे मील (मध्यान्ह भोजन) योजना 2021 राज्य के मदरसो को भी शामिल करने जा रही है। राज्य के द्वारा मदरसा अनुमोदित प्रदेश में 1,406 मदरसे हैं। जिनमें से 1,375 मदरसों को Mid-Day Meal Yojana” में शामिल किया जायेगा। एमपी मिड डे मील योजना 2021 में मदरसे के 34 हजार से ऊपर छात्रों को पोषक तत्वों से भरपूर छात्रों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। जिसमे प्राथिमिकता के केवल लगभग 77% छात्र इस मिड डे मील योजना का लाभ दिया जायेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने मिड डे मील (Mid-Day Meal) योजना के लिए 10.20 करोड़ रुपया भी दे दिए गए है। हम आपको अपने इस लेख के ज़रिये से Madhya Pradesh Madrasa Mid Day Meal Scheme के बारे में पूरी जानकारी आपको प्रदान कर रहे है। कृपया हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक पढ़े।
MP Madrasa Mid Day Meal Yojana
MP Madrasa Mid-Day Meal Yojana – दोस्तों जैसे के हमने आपको अपने इस लेख के ज़रिये से ऊपर बताया है की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मदरसा में भी अब मिड डे मील को शुरु करने का निर्लय लिया है। योजना के अंतर्गर मदरसे में पढ़ने वाले सभी बच्चो को एक अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। मप्र मदरसा मध्यान्ह योजना के तहत अंतर्गत 34,000 छात्रों को पोस्टिक भोजन दिया जायेगा।
Mid Day Meal New Update
Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार के द्वारा देश के बच्चे को सीधे बेनिफिट ट्रांसफर के ज़रिये मदद के रूप में धनराशि भेजी जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक विशेष कल्याण उपाय के अंतर्गत से मध्याह्न्-भोजन योजना सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत के लिए धनराशि देने के लिए योजना को मंज़ूरी दे दी गई है। इस योजना के लिए सरकार के द्वारा डीबीटी के द्वारा 11.8 करोड़ छात्रों को नगद धनराशि देने का फैसला लिया गया है। ताकि इसके माध्यम से मिड डे मील योजना को बढ़ावा मिले। भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीना 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जायेगा।
MP Madrasa Mid Day Meal Scheme 2022 Summary
योजना का नाम | Madhya Pradesh Madrasa Mid-Day Meal Scheme |
शुरू की गयी | CM Kamal nath जी द्वारा |
योजना प्रकार | राज्य सरकार योजना |
कब से शुरू होगी | October |
लाभार्थी | MP के सभी मदरसों के छात्र |
उद्देश्य | 34,000 मदरसा छात्रों को पौष्टिक भोजन देना |
बजट | 10.20 करोड़ रुपये |
एमपी कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय
MP Cabinet Meeting 2021 – मंत्रिमंडल ने आदिवासियों को शोषण से बचाने के लिए एमपी अनुसूचित जनजाति एवं साहूकार अधिनियम 1972 में संशोधन को भी अब मंज़ूरी दे दी गयी है। जिसके तहत निजी साहूकार द्वारा आदिवासियों को शोषण से बचने के लिए अब नए लागु किये जायेंगे। जैसे अगर किसी साहूकार के पास लाइसेंस नहीं है। वह किसी भी आदि वाशी को कर्ज नहीं दे सकता है।
सोमवार की कैबिनेट बैठक में, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के एक और लक्ष्य के बारे में बारे में बताया है जिसमे वह एमपी में होने वाली मिलावट के खिलाफ जंग लड़ेंगे। और उन्हें एक नारा भी दिया था “शुद्ध के लिए युद्ध” जिसके लिए वह वह अपने राज्य में मिलवट करने वाले के खिलाफ जंग लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने कहा की दूध और डेरी ही नहीं है। होने वाली मिलावट के खिलाफ वह अन्य अनाज, तेल और अन्य खाद्य वस्तुओं के भी जंग लड़ेंगे।
मिड डे मील स्कीम का मेनू
हमारे देश के सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन के लिए केंद्र सरकार द्वारा निम्नलिखित मेनू :-
खाना | कितना मात्रा में दिया जाएगा (ग्राम में) |
Rice / गेहूं | 100 ग्राम, प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए 150 ग्राम, छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए |
Daal | 20 ग्राम, प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए 30 ग्राम, छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए |
तेल और वसा | 5 ग्राम, प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए 7.5 ग्राम, छठी सेआठवीं कक्षा के बच्चों के लिए |
Vegetable | 50 ग्राम, प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए 75 ग्राम, छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए |
एमपी कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय
मंत्रिमंडल ने आदिवासियों को शोषण से बचाने के लिए मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार अधिनियम 1972 में संशोधन को भी मंज़ूरी प्रदान कर दी गई है। जिसके अंतर्गत आदिवाशियों को शोषण के लिए अब नए प्रावधान रखे गए है। प्रदेश के किसी नागरिक के पास साहूकार लाइसेंस नहीं है तो वह किसी भी आदिवासी को कर्ज नहीं प्रदान कर सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार का एक और लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमे वह मिलावट के लिए लड़ाई लड़ेंगे। और उनके द्वारा एक नैरा भी दिया जायेगा जिसका नाम “शुद्ध के लिए युद्ध” जिससे उन्हें बताया गया है की मिलवट खिलफो के खिलाफ जंग लड़े।